आजकल गलत खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण कब्ज एक आम समस्या बन गई है। कई लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं तो कई लोग घरेलू उपाय अपनाते हैं। इन्हीं उपायों में से एक है – दूध में घी मिलाकर पीना। यह आयुर्वेदिक तरीका काफी पुराना और लोकप्रिय है। आइए जानते हैं यह कितना फायदेमंद है और इसे कैसे सही तरीके से लिया जाए।
कब्ज क्या है?
कब्ज वह स्थिति है जब व्यक्ति को नियमित रूप से मल त्याग करने में कठिनाई होती है या मल सूखा और कठोर हो जाता है। यह शरीर में सूखापन, पानी की कमी और पाचन की कमजोरी के कारण हो सकता है।
दूध और घी कैसे करते हैं मदद?
रात को सोने से पहले गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से आंतों में नमी आती है और पाचनतंत्र सुचारू रूप से काम करता है। यह मिश्रण आंतों को चिकनाई प्रदान करता है जिससे मल नरम होता है और आसानी से बाहर निकलता है।
दूध में घी पीने के लाभ
1. प्राकृतिक लुब्रिकेशन
घी आंतों को अंदर से मुलायम बनाता है और सूखापन दूर करता है।
2. पाचन शक्ति में सुधार
गुनगुना दूध और घी मिलकर पाचन को मजबूत करते हैं, जिससे कब्ज में राहत मिलती है।
3. वात दोष को शांत करता है
आयुर्वेद के अनुसार वात दोष बढ़ने पर कब्ज होता है। घी वात को संतुलित करता है और दूध शरीर को पोषण देता है।
4. कोमल रेचक प्रभाव
दूध और घी का यह मिश्रण शरीर पर हल्के और सुरक्षित तरीके से काम करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
कब और कैसे पीना चाहिए?
- एक कप गाय का दूध हल्का गर्म करें।
- उसमें आधा से एक चम्मच देसी घी डालें।
- अच्छी तरह मिलाकर धीरे-धीरे पीएं।
- इसे रात को सोने से पहले पीना ज्यादा लाभकारी होता है।
किन लोगों को नहीं पीना चाहिए?
- जिन्हें दूध से एलर्जी है, उन्हें यह मिश्रण नहीं पीना चाहिए।
- मधुमेह, फैटी लिवर या हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोग डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसे लें।
- अधिक मात्रा में पीने से दस्त, पेट दर्द या उल्टी हो सकती है।
जरूरी बातें
- दूध और घी का संयोजन कब्ज में राहत देने वाला प्राकृतिक उपाय है।
- इसे सही मात्रा में और सही समय पर लेना जरूरी है।
- लंबे समय से चल रही कब्ज की समस्या में घरेलू उपाय अपनाने से पहले कारण जानना जरूरी है।
निष्कर्ष
दूध और घी मिलाकर पीना कब्ज के लिए एक सरल और सुरक्षित उपाय हो सकता है। यह आंतों में चिकनाई लाकर मल त्याग को आसान बनाता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसका सेवन सीमित मात्रा में और जरूरत के अनुसार ही करें।
स्वास्थ्य सलाह
किसी भी बड़े आहार, जीवनशैली या दवा से जुड़े परिवर्तन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। वे आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सकते हैं।